Monday, January 23, 2012

महाकवि गोस्वामी तुलसीदास जी को गणितज्ञ कहा जाना थोडा अटपटा लगना स्वभाविक है लेकिन तुलसीदास के साहित्य में गणित और ज्योतिष का प्रयोग देखकर हमें तुलसीदास को गणितज्ञ तो मानना ही पडेगा । तुलसीदास की प्रसिद्ध रचना ' हनुमान चालिसा ' की पंक्ति - ' जुग सहस्त्र योजन पर भानू ...... ' हमें उनके ज्ञान के बारे में एक नये दृष्टिकोण से सोचने पर विवश करती है , इस पंक्ति में उन्होंने सूर्य को पृथ्वी से युग ( जुग ) सहस्त्र योजन की दूरी पर स्थित बताया हैं । जब इसके आधार पर वैदिक गणित के अनुसार गणना की जाती है तो पृथ्वी से सूर्य की दूरी का सही मान निकल कर आता है । सर्वप्रथम युग , सहस्त्र और योजन इन पदों के मान देखें ।
* युग - साधारणतः युग शब्द चार के अर्थ में प्रयुक्त होता है । किन्तु यहाँ युग तथा उसका मान दिव्य वर्षो एवं सौर वर्षो में क्या होता है साथ ही चार युग अर्थात चतुर्युग का मान वर्षो में कितना है , यह ज्ञात देखेगे ।
सतयुग दिव्य वर्षो में 4800 वर्ष तथा सौर वर्षो में 1728000 वर्ष
त्रेतायुग दिव्य वर्षो में 3600 वर्ष तथा सौर वर्षो में 1296000 वर्ष
द्वापरयुग दिव्य वर्षो में 2400 वर्ष तथा सौर वर्षो में 864000 वर्ष
कलियुग दिव्य वर्षो में 1200 वर्ष तथा सौर वर्षो में 432000 वर्ष ।
चतुर्युग का मान सौर वर्षो में अधिकांश व्यक्ति जानते है किन्तु चतुर्युग का मान दिव्य वर्षो में 12000 है और यह वैदिक काल गणना का एक मुख्य आधार है ।
* सहस्त्र - सहस्त्र अर्थात हजार , गणना करने में सहस्त्र का मान एक हजार रखते है ।
* योजन - 1 योजन = 8 मील , 1 मील = 1.6 कि.मी. ( लगभग )
जब तीन पदों क्रमशः युग , सहस्त्र और योजन का मान रखकर गोस्वामी तुलसीदास द्वारा दिये गये सूत्र से पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी की गणना की जाती है तो -
युग सहस्त्र योजन पर भानू = 12000x 1000x8 = 9,60,00,000 = 9,60,00,000x1.6 कि.मी. = 15,36,00,000 कि.मी.
पन्द्रह करोड छत्तीस लाख किलोमीटर पृथ्वी से सूर्य की दूरी निकल कर आती है । यह मान गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित ' जुग सहस्त्र योजन पर भानू ...... ' से ज्ञात होता है । वर्तमान की गणना के आधार पर भी हम जानते है कि पृथ्वी की दूरी 150000000 ( पन्द्रह करोड ) किलोमीटर लगभग है । यह सुखद आश्चर्य है कि गोस्वामी तुलसीदास द्वारा दिया गया पृथ्वी से सूर्य की दूरी का मान , वर्तमान गणना के लगभग निकट है । अब तो मानना ही पडेगा कि गोस्वामी तुलसीदास महान गणितज्ञ भी थे ।

No comments:

Post a Comment